7 महीने बाद भी नहीं हो पाए सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर के चुनाव, ढाई करोड़ के प्रोजेक्ट अटके

फरीदाबाद। नगर निगम फरीदाबाद (एमसीएफ) में राजनीतिक खींचतान के चलते चुनाव परिणाम आए सात महीने से अधिक का समय बीत चुका है, लेकिन सदन में अभी तक सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है। सत्ताधारी भाजपा की आपसी गुटबाजी के कारण पैदा हुए इस गतिरोध का सीधा खामियाजा शहर के विकास कार्यों को भुगतना पड़ रहा है, क्योंकि इन दो पदों के बिना फाइनेंस कमेटी का गठन अटका हुआ है।

नगर निगम एक्ट के अनुसार, सदन की बैठक हर तीन माह में आयोजित होनी चाहिए। हालांकि, दोनों महत्वपूर्ण पद खाली होने के कारण स्थानीय पार्षद सदन की बैठक का इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि तीन मनोनीत पार्षदों को शपथ भी दिलाई जा चुकी है, फिर भी चुनाव लंबित है। शहर में ढाई करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों को पास करने वाली फाइनेंस कमेटी में मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का होना अनिवार्य है, जिसके चलते सभी बड़े प्रोजेक्ट इस गतिरोध के कारण रुके हुए हैं। यह राजनीतिक गतिरोध इतना गहरा है कि 11 अगस्त 2025 को केंद्रीय राज्य मंत्री कृष्णपाल गुर्जर की उपस्थिति में बुलाई गई बैठक भी आंतरिक कलह के चलते इन पदों पर चयन नहीं कर पाई थी। इस देरी के कारण स्ट्रीट वेंडिंग जोन के लिए एजेंसी चयन का काम भी ठप पड़ा है।

इस प्रशासनिक पंगुता पर पार्षदों ने गहरी निराशा व्यक्त की है। वार्ड नंबर 20 के पार्षद लेखी चपराना ने हैरानी जताते हुए कहा कि भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी यह चुनाव न हो पाना आश्चर्यजनक है। वार्ड की समस्याएं हल नहीं हो रहीं और फाइनेंस कमेटी न बनने से हम एस्टिमेट तक तैयार नहीं करा पा रहे हैं। वहीं, इस मामले पर निगम की मेयर प्रवीण बत्रा जोशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चयन राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है। हालांकि, उन्होंने आश्वासन दिया है कि शहर के विकास कार्यों में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहने दी जाएगी।

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