मसाई ने एमआईटी आईडीएसएस और रॉटमैन के साथ मिलकर भारत में ग्लोबल-स्टैंडर्ड एआई प्रोग्राम्स शुरू किए

नई शैक्षणिक साझेदारियों के तहत जेनरेटिव एआई, डेटा-ड्रिवन निर्णय और मशीन लर्निंग में एडवांस सर्टिफिकेशन पेश

नेशनल (भारत), 22 दिसंबर 2025: मसाई ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के इंस्टीट्यूट फॉर डेटा, सिस्टम्स एंड सोसायटी (आईडीएसएस) और यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के रॉटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के साथ शैक्षणिक साझेदारी की घोषणा की है। इन सहयोगों के तहत भारत में दो नए सर्टिफिकेशन प्रोग्राम शुरू किए गए हैं, जो जेनरेटिव एआई, डेटा-ड्रिवन निर्णय-निर्माण और मशीन लर्निंग जैसे उभरते क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। यह पहल वैश्विक स्तर पर बढ़ती एआई और डेटा टैलेंट की मांग के अनुरूप मसाई के उच्च शिक्षा पोर्टफोलियो का विस्तार करती है।

एमआईटी आईडीएसएस के साथ साझेदारी के तहत मसाई ने “मशीन लर्निंग विद पायथन: फ्रॉम लीनियर मॉडल्स टू डीप लर्निंग” नामक छह महीने का सर्टिफिकेशन प्रोग्राम लॉन्च किया है। मसाई इस माइक्रोमास्टर्स-संबंधित कोर्स में एमआईटी आईडीएसएस के साथ सहयोग करने वाला भारत का पहला शैक्षणिक भागीदार है। इस प्रोग्राम की एक खास विशेषता यह है कि प्रतिभागियों को एमआईटी के पीएचडी स्कॉलर द्वारा लाइव टीचिंग असिस्टेंट सपोर्ट भी मिलेगा। यह कोर्स उन पेशेवरों के लिए तैयार किया गया है जो एआई और मशीन लर्निंग में मजबूत सैद्धांतिक आधार के साथ व्यावहारिक अनुभव हासिल करना चाहते हैं।

इस प्रोग्राम के पाठ्यक्रम में डेटा हैंडलिंग, मॉडल डेवलपमेंट, ऑप्टिमाइजेशन तकनीकें, न्यूरल नेटवर्क और डीप लर्निंग जैसे विषय शामिल हैं। हैंड्स-ऑन प्रोजेक्ट्स, सिमुलेशन और रियल-वर्ल्ड केस स्टडीज़ के माध्यम से प्रतिभागियों को मशीन लर्निंग के पूरे जीवनचक्र की गहरी समझ विकसित करने का अवसर मिलेगा, जिससे वे तकनीकी रूप से चुनौतीपूर्ण भूमिकाओं के लिए बेहतर रूप से तैयार हो सकेंगे।

वहीं, रॉटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट के साथ साझेदारी के तहत भारत में “डेटा-ड्रिवन डिसीजन मेकिंग विद जेनरेटिव एआई” नामक पांच महीने का एग्जीक्यूटिव प्रोग्राम पेश किया गया है। यह प्रोग्राम विशेष रूप से कार्यरत पेशेवरों और भविष्य के नेतृत्वकर्ताओं के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसमें जेनरेटिव एआई की मदद से डेटा तैयारी, इनसाइट जनरेशन, सीनारियो एनालिसिस और रणनीतिक निर्णय-निर्माण के व्यावहारिक कौशल सिखाए जाएंगे। साथ ही, एआई-जनित आउटपुट की व्याख्या, नैतिक पहलुओं और गवर्नेंस से जुड़े मुद्दों पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

इन नई शैक्षणिक साझेदारियों के माध्यम से मसाई का उद्देश्य भारत में वैश्विक मानकों के अनुरूप एआई शिक्षा को सुलभ बनाना और ऐसे पेशेवर तैयार करना है जो तेजी से बदलते तकनीकी परिदृश्य में डेटा और एआई आधारित निर्णयों के माध्यम से संगठनों का नेतृत्व कर सकें।

इस प्रोग्राम का उद्देश्य प्रतिभागियों को ऐसे निर्णय-निर्माण और विश्लेषणात्मक कौशल से सशक्त बनाना है, जो एआई -संचालित बिज़नेस वातावरण में नेतृत्व के लिए आवश्यक हैं। यह पहल ऐसे समय में की गई है, जब वैश्विक अनुमानों के अनुसार 2035 तक जेनरेटिव एआई का आर्थिक प्रभाव लगभग 2.9 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने की संभावना है और संगठन तेजी से इन टूल्स को अपने मुख्य संचालन का हिस्सा बना रहे हैं।

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