बाढ़ नियंत्रण व सूखा राहत कार्यों में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं : आयुष सिन्हा

डीसी बोले, फील्ड में रहकर कार्यों की मॉनिटरिंग करें अधिकारी

फरीदाबाद। प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने आज बुधवार को चंडीगढ़ से हरियाणा के सभी जिला उपायुक्तों के साथ सूखा राहत एवं बाढ़ नियंत्रण उपायों को लेकर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 57वीं राज्य स्तरीय बैठक लेते हुए समीक्षा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में प्रदेश के जल संसाधनों के उचित प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण और सूखा राहत जैसे विषयों पर संबंधित जिला उपायुक्त से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से विस्तार से समीक्षा की। वीडियो कांफ्रेंस के उपरांत उपायुक्त (डीसी) आयुष सिन्हा ने  संबंधित विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर विभिन्न विकास प्रस्तावों एवं परियोजनाओं की समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी प्रस्ताव सोच-समझकर, तकनीकी रूप से व्यवहारिक (टेक्निकली फिजिबल) और प्राथमिकता के आधार पर तैयार किए जाएं।

उन्होंने कहा कि प्राप्त प्रस्तावों की एक बार पुन: गंभीरता से समीक्षा की जाए तथा संबंधित एससी अधिकारी द्वारा फॉरवर्डिंग के बाद एसडीएम स्तर पर भी उनका परीक्षण किया जाए, ताकि किसी प्रकार की त्रुटि न रहे। उन्होंने अधिकारियों को पहले लंबित कार्यों को पूर्ण करने और उसके बाद अन्य परियोजनाओं पर कार्य करने को कहा। डीसी आयुष सिन्हा ने ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों से पानी निकासी और डीजल पंपों के उपयोग को लेकर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि संबंधित गांवों में स्थिति का आकलन (असेसमेंट) किया जाए और जहां समाधान व्यवहारिक हो, वहां सकारात्मक रूप से कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक लेकर जरूरी दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि काम धरातल पर होना चाहिए।

उन्होंने कहा कि जिला में ऐसी जगहों पर विशेष फोकस करें जहां ज्यादा जलभराव होता है और उसी के अनुसार आगामी कार्ययोजना बनाएं। उन्होंने कहा कि ऐसी कार्य योजना तैयार की जाए कि अधिक बरसात होने पर भी पानी ड्रेन के माध्यम से शीघ्र बाहर निकल जाए और पानी ड्रेन में रुके नहीं। बरसात के दौरान कहीं भी जलभराव की स्थिति न बने और आमजन को कोई असुविधा न हो। डीसी आयुष सिन्हा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के दिशा-निर्देशानुसार बाढ़ प्रबंधन को ध्यान में रखकर योजनाबद्ध तरीके से आपसी तालमेल और समन्वय से कार्य किए जाएं और यह कार्य निर्धारित समयावधि में पूरा करवाना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को पूर्ण कर्तव्य निष्ठा के साथ निभाएं, इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कार्य के दौरान अधिकारी स्वयं मौके पर उपस्थित रहकर कार्य की मॉनिटरिंग करें।

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