योकोहामा रबर भारत में यात्री कार के टायरों की उत्‍पादन क्षमता को 4.5 मिलियन टायर तक बढ़ाएगी

NEW DELHI : योकोहामा रबर कंपनी लिमिटेड ने आज यह घोषणा की कि वह स्थानीय बाजार से बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए भारत में यात्री कार के टायरों की उत्‍पादन की क्षमता का विस्तार करेगी। 82 मिलियन अमेरिकी डॉलर के अतिरिक्त निवेश के साथ, कंपनी भारत में अपनी स्थानीय यात्री कार टायर उत्‍पादन एवं विक्रय सब्सिडिएरी, योकोहामा इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (वाईआईएन) में यात्री कार के लिए अपनी वार्षिक टायर उत्‍पादन क्षमता को बढ़ाएगी। फिलहाल कंपनी की मौजूदा क्षमता 2.8 मिलियन टायरों का उत्‍पादन करने की है और इसे बढ़ाकर 4.5 मिलियन टायरों तक किया जाएगा। पूर्वी भारत में विशाखापटनम* प्लांट के परिसर में नई लाइन को इंस्‍टॉल किया जाएगा और 2024 की चौथी तिमाही तक नई लाइन से टायरों का उत्पादन शुरू होगा। यह लाइन 22 इंच तक के पैसेंजर कार टायरों के निर्माण में सक्षम होगी।

वाईआईएन का संचालन 2007 से हो रहा है और इसने भारतीय बाजार में योकोहामा ब्रैंड के टायरों की बिक्री में तेजी से अपना योगदान दिया है। भारत में जिन टायरों की बिक्री की जा रही है, उन्हें खासतौर में भारत में सड़कों की हालत और देश में ड्राइविंग के माहौल को देखकर डिजाइन किया गया है। स्थानीय बाजार की जरूरतों को पूरा करने और अपने सेल्स नेटवर्क को बढ़ाकर भारत में वाईआईएन ने तेजी से विकास किया है और भारत को योकोहोमा रबर के सबसे महत्वपूर्ण मार्केट में से एक बना दिया है।

भारत में ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री तेजी से बढ़ रही है। 2022 में भारत में ऑटोमोबाइल की बिक्री का आंकड़ा काफी तेजी से बढ़ा। इस अवधि में यह जापान से आगे निकल गया, जिससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल मार्केट बन गया है। योकोहामा रबर को उम्मीद है कि कंपनी के विकास की यह रफ्तार भविष्य में भी जारी रहेगी। इस विकास प्रक्रिया को रफ्तार देने के लिए कंपनी ने धीरे-धीरे वाईआईएन की निर्माण क्षमता को बढ़ाया है। 2014 में कंपनी की प्रारंभिक स्तर पर सालाना निर्माण क्षमता 700,000 टायरों के उत्पादन की थी। 2019 में यह बढ़कर 1.53 मिलियन तक पहुंच गई, जबकि 2021 में 1.96 मिलियन हो गई। जनवरी 2023 में वाईआईएन के प्लांट में टायरों की सालाना निर्माण क्षमता 2.8 मिलियन तक पहुंच गई है।

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