इस्कॉन मंदिर फरीदाबाद ने गदाधर पंडित के आविर्भाव दिवस के रूप में मनाया

इस्कॉन मंदिर फरीदाबाद ने वीरवार दिनांक 20 अप्रैल को गदाधर पंडित के आविर्भाव दिवस के रूप में मनाया। जो भगवान कृष्ण की शाश्वत व नित्य संगिनी श्रीमती राधा के अलावा कोई नहीं हैं। आज से लगभग पाँच सौ साल पहले भगवान श्रीकृष्ण, चैतन्य महाप्रभु के रूप में मानवता को शुद्ध प्रेमाभक्ति सिखाने के लिए पृथ्वी पर आए कि कैसे भक्ति करनी है और जब भी कृष्ण आते हैं तो श्रीराधा उनकी सहायता के लिए अवश्य साथ आती हैं। इसलिए इस लीला में श्रीराधा एक पुरुष गदाधर पंडित के रूप में आईं, क्योंकि कृष्ण जो चैतन्य महाप्रभु के रूप में जो एक सन्यासी के रूप में आए थे।

उन्होंने अपने पिता श्री माधव मिश्रा और माता श्री रत्नावती-देवी के रूप में स्वीकार किया। वह भगवान चैतन्य के एक साल बाद प्रकट हुए। केवल उनके कारण ही कृष्ण के अंतरंग सहयोगियों द्वारा वृंदावन के जंगलों और उपवनों में की गई उच्च आध्यात्मिक सेवा का सच सामने आया है। वे गोपियों द्वारा प्राप्त परमानंद प्रेम का प्रचार कर रहे हैं, और वे वास्तव में भक्तिमय सेवा के रसों का अवतार हैं। संत भक्त उनके चरण कमलों की शरण लेते हैं और वे जीवों को आध्यात्मिक जीवन की सच्चाई सिखाते हैं। इस शुभ दिवस की शुरुआत प्रातः 4.30 बजे मंगल आरती के साथ हुई। तत्पश्चात् जप, कीर्तन, व्याख्यान व 10.30 बजे अभिषेक किया गया और फिर भोग लगाया गया व भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया।

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