यूथ रेडक्रॉस शिविर के दुसरे दिन युवाओं को अनेकों विषय पर किया गया जागरूक

फरीदाबाद, 10 अक्टूबर। उपायुक्त एव अध्यक्ष ज़िला रैड क्रॉस सोसाइटी फरीदाबाद विक्रम सिंह के निर्देशानुसार एवं सचिव श्री विजेंद्र सौरोत के मार्गदर्शन में डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एन आई टी 3, फरीदाबाद के प्रांगण मे चल रहे यूथ रेडक्रॉस प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन का आरंभ जिला रेड क्रॉस सोसाइटी सचिव बिजेन्द्र सोरोत के मार्गदर्शन व में जिला प्रशिक्षण अधिकारी पुरुषोत्तम सैनी के नेतृत्व में हुआ। प्रवक्ता श्रीमती मीनू कौशल के द्वारा महिला सशक्तिकरण के बारे में जागरूक करते हुए बताया कि किसी भी प्रकार की हिंसा से पीड़ित, महिलाओं को पारिवारिक सहायता नहीं मिलती है तो जीवन यापन करने के सभी रास्ते बंद हो जाते है एवं ऐसी कठिन परिस्थितियों के लिए परिवार एवं समाज में पुर्नस्थापित होने हेतु विशेष सहयोग की आवश्यकता होती है। यदि किसी भी पीड़ित महिला की आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम से जोड़ दिया जाए तो वह स्वयं के साथ-साथ अपने परिवार का भी भरण पोषण कर सकती है। प्रवक्ता नेहरू कॉलेज श्रीमति जन्नत खत्री के द्वारा मोबाइल के दुष प्रभावों के बारे में सभी प्रतिभागियों को जागरूक करते हुए बताया कि मोबाइल फोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक विकिरणों से डीएनए क्षतिग्रस्त हो सकता है। इसके अलावा मोबाइल का अधिक इस्तेमाल आपको मानसिक रोगी, कैंसर, ब्रेन ट्यूमर, डायबिटीज, हृदय रोग आदि कई बड़ी बीमारियों भी दे सकता है। मोबाइल फोन आज व्यक्ति की आदत बन गई है।

कोई भी व्यक्ति मोबाइल के बिना अपने आप को अधूरा मानने लगता है। इसलिए मोबाइल फ़ोन का कम से काम उपयोग करना चाहिए। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, फरीदाबाद के प्रतिनिधि श्री रविंदर गुप्ता, अधिवक्ता द्वारा अधिनियम और कानून के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि अधिनियम और कानून शब्द अक्सर एक दूसरे के स्थान पर उपयोग किए जाते हैं, क्योंकि वे बहुत हद तक एक जैसे हैं। अधिनियम और कानून में अंतर यह है कि अधिनियम विधायी शाखा द्वारा पारित किया जाता है, लेकिन एक कानून सरकार द्वारा लागू नियमों और विनियमों का एक समूह है। एक अधिनियम और एक कानून के बीच मुख्य अंतर यह है कि एक अधिनियम संसद द्वारा पारित एक विधेयक है, जबकि एक कानून सरकार द्वारा लागू नियमों और विनियमों का एक समूह है। अधिनियम समाज के लाभ के लिए वर्तमान अधिनियमों में संशोधन कर सकते हैं या नए बना सकते हैं, जबकि कानून नागरिकों के अधिकारों और समानता की रक्षा के लिए बनाए जाते हैं। आईटी प्रोजेक्ट मैनेजर सुशील कुमार के द्वारा एचआईवी/एड्स बीमारी के बारे में जागरूक किया उनके द्वारा बताया गया कि भारत एचआईवी/एड्स उन्मूलन की दिशा में लगातार कठिन प्रयास कर रहा है।

एड्स नामक इस भयानक बीमारी ने देश की एक बड़ी आबादी को अपने प्रभाव में जकड़ रखा है। एचआईवी से संबंधित मामलों को पूर्ण रूप से ख़त्म किये जाने के प्रयास किये जा रहे हैं एवं पिछले कुछ वर्षों में भारत ने इस प्रयास में अंशतः सफलता भी पाई है। भारत को “पूर्णतः एड्स मुक्त” होने में अभी काफी समय लगेगा क्योंकि अभी भी देश में 15 से 49 वर्ष की उम्र के बीच के लगभग 25 लाख लोग एड्स से प्रभावित हैं। एचआईवी संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका है – लोगों को इस बारे में जागरूक  किया जाए। लोगों को इसकी उत्पत्ति एवं प्रसार के बारे में बताया जाए ताकि लोग इस महामारी के दुष्प्रभाव से बच सकें। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण कार्यक्रम की शुरुआत की गई जिसका उद्देश्य जन-जन तक एचआईवी/एड्स एवं इसके रोकथाम से संबंधित सभी सूचनाएँ एवं जानकारियाँ पहुँचाना है। अंत में शिविर निदेशक डॉ ऍम पी सिंह के द्वारा उपस्तिथ सभी प्रवक्ताओं/कॉलेज स्टाफ का धन्यवाद किया एवं सभी को  बताया कि युथ रेडक्रॉस एक ऐसा मंच है जहाँ युवा लोगों के कल्याण के लिए अपनी प्रतिभा, कौशल, ज्ञान, क्षमता का प्रदर्शन कर सकते है। इस शिविर का मुख्य उदेश्य स्वैच्छिकः रक्तदान को बढ़ाना, अंगदान के लिए लोगो को जागरूक करना, बच्चो को मोबाइल कि गलत आदत छुड़वाने के लिए जागरूक करना, संक्रामक रोगो कि रोकथाम, प्राथमिक चिकित्सा, समय समय पर यातायात के नियमो के बारे में जागरूक करना है।

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