फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में चेहरे की गंभीर और दुर्लभ विकृति वाले लड़के की पुनर्निर्माण सर्जरी की गई

फरीदाबाद। मीडियन फेशियल क्लेफ्ट सिंड्रोम के साथ पैदा हुए एक चार साल के बच्चे का फरीदाबाद के अमृता अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया गया। यह एक बहुत ही दुर्लभ चेहरे की विकृति है, जो हड्डी और टिश्यू के अनुचित संलयन के कारण मध्य रेखा के माध्यम से चेहरे को वर्टिकली विभाजित करती है। 18 घंटे तक मैराथन ऑपरेशन के दौरान छोटे बच्चे के फीचर्स को वापस लाया गया और उसे एक नई जिंदगी दी गई।

बच्चा, जिसके पिता गुरुग्राम की एक मल्टीनेशनल आईटी फर्म में काम करते हैं, चेहरे में मिडलाइन गैप से पीडि़त था, जो त्वचा और कठोर टिश्यू पर मौजूद था और खोपड़ी और मस्तिष्क तक फैला हुआ था। इस गैप के कारण बच्चे की दोनों आंखों के बीच दूरी बढ़ गई थी (ऑर्बिटल हाइपरटेलोरिज्म)। इसके अलावा, होंठ, तालु और नाक के साथ-साथ बेसल एन्सेफेलोसेले पर भी क्लेफ्ट था (मस्तिष्क के ऊतकों की एक थैली जो खोपड़ी के आधार से नाक गुहा में हर्नियेशन कर रही थी)। इन विसंगतियों के कारण दूर देखने की क्षमता, बोलने और खाने से संबंधित समस्याओं और मनोवैज्ञानिक और सौंदर्य संबंधी जैसी चुनौतियों भी थीं।

माता-पिता इस चिंता के कारण बच्चे को घर पर ही पढ़ा रहे थे कि उसे स्कूल में छेड़ा जाएगा या अन्य बच्चे उसका चेहरा देखकर डर जाएंगे। फरीदाबाद के अमृता अस्पताल के प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव विभाग के प्रमुख डॉ. मोहित शर्मा ने कहा, “हमारे पास प्लास्टिक और रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी का सबसे व्यापक विभाग है, जो सभी क्रैनियोफेशियल विसंगतियों को ठीक कर सकता है। घंटों तक चलने वाली जटिल सर्जरी करने के लिए हमारे पास अत्याधुनिक सुविधाएं हैं।

सर्जरी 10 डॉक्टरों की एक टीम द्वारा की गई थी,” उन्होंने आगे कहा कि सर्जनों ने सर्जरी के लिए वर्चुअली और साथ ही शारीरिक रूप से 3 डी प्रिंटेड मॉडल पर नकली सर्जरी के माध्यम से पहले अभ्यास किया। मॉक और वर्चुअल सर्जरी ने उन्हें किए जाने वाले सुधारात्मक उपायों की सीमा की कल्पना करने में सक्षम बनाया। जटिल सर्जरी का नेतृत्व जाने-माने क्रैनियोफेशियल सर्जन अमृता अस्पताल के प्लास्टिक एवं रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ. अनिल मुरारका और कंसलटेंट डॉ. अरुण कुमार शर्मा (क्रैनियो-मैक्सिलोफेशियल डिवीजन) ने किया।

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