स्मार्ट ई व्हीकल निर्माण की हब बनेगा श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय
सोलर एनर्जी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और कंप्यूटर के प्रयोग से बनाए जाएंगे स्मार्ट ई व्हीकल
![Shri Vishwakarma Kaushal Vishwavidyalaya will become the hub of smart e vehicle manufacturing](/wp-content/uploads/2023/06/04-1-780x470.jpg)
फरीदाबाद । श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय ई व्हीकल निर्माण की इनोवेटिव हब बनेगा। इसकी शुरुआत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने पहला ई व्हीकल बनाकर कर दी है। अगला कदम इसे सौर ऊर्जा से चलाने और इस व्हीकल को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तथा कंप्यूटर से जोड़ना होगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू इस इनोवेटिव प्रोजेक्ट में खास दिलचस्पी ले रहे हैं। उन्होंने कंप्यूटर साइंस विभाग, मैकेनिकल इंजीनियरिंग, सोलर एनर्जी और 4.जीरो डिपार्टमेंट को इसमें सम्मिलित कर इसे मल्टीडिसीप्लिनरी प्रोजेक्ट बनाने की योजना पर काम शुरू कर दिया है। ऐसा करने से विश्वविद्यालय में नए विद्यार्थी आएंगे नए प्रोजेक्ट विकसित होंगे। विद्यार्थी इस प्रोजेक्ट को अपना स्टार्टअप बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि इस ई व्हीकल के साथ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, कंप्यूटर साइंस, सोलर एनर्जी और 4 पॉइंट जीरो मल्टीडिसीप्लिनरी सम्मिलित होने से यह मार्केट में उपलब्ध दूसरे ई व्हीकल से काफी एडवांस होगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इस प्रोजेक्ट को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए ई व्हीकल के क्षेत्र में काम करने वाले दो बड़े संस्थानों के साथ एमओयू करने पर भी विचार कर रहा है। इससे डिजाइन और इनोवेशन में सहायता मिलेगी। फैकल्टी स्टूडेंट पार्टनरशिप और मेंटोरशिप के जरिए प्रोजेक्ट काफी आगे बढ़ सकता है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय इसी आधार पर काम कर रहा है।
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू का कहना है कि विद्यार्थियों ने दिन-रात मेहनत करके ई व्हीकल तैयार किया है। सबसे बड़ी बात है कि इसको बनाते समय बाहर से किसी विशेषज्ञ की सहायता नहीं ली गई है। विद्यार्थियों ने ही सारा तकनीकी काम स्वयं किया। इस ई व्हीकल को बनाने के साथ ही विद्यार्थियों ने कई चीजें एक साथ सीखी हैं। इसमें उन्होंने डिजाइन, ऑटोमेशन, संरचना और वेल्डिंग से लेकर यात्रियों की जरूरतों को समझने में मदद मिली है। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय स्किल के इमर्जिंग एरिया में काम कर रहा है, ताकि विद्यार्थियों को तकनीकी जटिलताओं को हल करने, जोखिम उठाने और नवाचार के साथ जुड़ने में मदद मिले। इसी मकसद से कैंपस में नए एक्सपेरिमेंट किए जा रहे हैं, ताकि विद्यार्थी खुद करने और सीखने से वर्तमान तथा भविष्य की तकनीक में पारंगत हों। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि इससे विद्यार्थियों में कौशल का विकास होगा और आज मार्केट में इसी कौशल की आवश्यकता है।
छह विद्यार्थियों ने बनाया ई व्हीकल
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन प्रोग्राम के छह विद्यार्थियों ने कुलपति डॉ. राज नेहरू के आह्वान पर ई व्हीकल बनाने की पहल शुरू की थी। विद्यार्थियों ने ख़ुद इसे डिजाइन किया है। इसकी चेसिस से लेकर बॉडी तक और सॉकेट से लेकर स्टियरिंग तक सब कुछ विद्यार्थियों ने अपने हाथों से तैयार किए हैं। उन्होंने इस ई व्हीकल के लिए खुद ही सामान इकट्ठा किया। सूरज, साहिल, अनिल, अनंत, दुनी चंद और जतिन जब इस नवाचार में जुटे तो उनके पास आइडिया था और जुनून था। सूरज का कहना है कि विश्वविद्यालय परिसर 82 एकड़ से भी ज्यादा में फैला है। इसलिए परिसर में आने वाले लोगों के लिए एक ई व्हीकल की आवश्यकता थी। कुलपति डॉ. राज नेहरू के प्रोत्साहन के बाद इस ई व्हीकल को और अधिक स्मार्ट बनाने के लिए नवाचार पर काम चल रहा है। डीन प्रो. रणजीत सिंह ने बताया
कि यह ई व्हीकल एक बार की चार्जिंग में 90 किलोमीटर की दूरी तय करता है। इसको तैयार करने में सहायक प्रोफेसर डॉ. कृष्णा, गौरव और सीनियर स्किल इंस्ट्रक्टर संसबीर की अहम भूमिका रही। प्रो. रणजीत सिंह ने बताया कि विकास चौधरी ने अपनी वर्कशॉप देकर विद्यार्थियों का काफी सहयोग किया।
इंडस्ट्री को पसंद आ गया प्रोजेक्ट
इंडस्ट्री को भी यह प्रोजेक्ट काफी पसंद आया है। ईस्ट वेस्ट ऑटोमेशन प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अरविंद कौल ने श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों के इस प्रोजेक्ट को इतना पसंद किया कि देखते ही 50 हजार के इनाम की घोषणा कर दी। गुरुग्राम विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. दिनेश अग्रवाल ने इस ई व्हीकल में ने केवल ड्राइव ली, बल्कि अपने विश्वविद्यालय के परिसर के लिए एक ई विकल्प बनाने का ऑर्डर भी एडवांस में दे दिया। पंडित लख्मीचंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट के कुलपति गजेंद्र चौहान खुद इस ई व्हीकल की ड्राइव लेकर श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों की मुक्तकंठ प्रशंसा कर चुके हैं। यह ई व्हीकल बहुत कम अवधि में केवल एक लाख 90 हजार रुपए की लागत से बन कर तैयार हुआ है।