श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का परीक्षा परिणाम100 प्रतिशत, 35 में से 22 विद्यार्थियों की मेरिट

97.6 अंक लेकर किआ पोसवाल प्रथम, 96.6 अंकों के साथ खुशी दूसरे और 96 प्रतिशत अंक लेकर बृजेश तीसरे नंबर पर 

फरीदाबाद। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल का दसवीं कक्षा का परीक्षा परिणाम शत प्रतिशत रहा। 35 में से 22 विद्यार्थियों ने मेरिट प्राप्त की, जबकि 12 विद्यार्थियों ने 90 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए। इनमें से चार विद्यार्थियों ने 95 फीसद से भी ज्यादा अंक अर्जित कर रिकॉर्ड बनाया है। किआ पोसवाल ने 97.6 अंक प्राप्त कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि 96.6 अंक लेकर खुशी दूसरे स्थान पर रही और बृजेश ने 96 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान प्राप्त किया। हिमांशी ने स्किल सब्जेक्ट हेल्थ केयर में 100 अंक प्राप्त कर रिकॉर्ड बनाया। 2 विद्यार्थियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में 99 अंक प्राप्त किए हैं। फिजिकल एक्टिविटी ट्रेनर और गणित में भी दो विद्यार्थियों ने 99 अंक हासिल किए।
विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. राज नेहरू ने मिठाई खिला कर सभी विद्यार्थियों को सफलता की बधाई दी और उन्होंने टॉपर विद्यार्थियों को फूल मालाएं भी पहनाई। उन्होंने प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह और पूरे स्टाफ को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी। इस मौके पर कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय सीनियर सेकेंडरी स्कूल राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत देश का पहला इनोवेटिव स्किल स्कूल है। विद्यार्थियों ने स्किल सब्जेक्ट में शानदार प्रदर्शन कर खुद को साबित किया है और इससे स्कूली शिक्षा के इस नए मॉडल की प्रामाणिकता भी दर्ज हुई है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने बताया कि इस बार इस स्कूल ने पिछले रिकॉर्ड तोड़ते हुए अपने ही प्रदर्शन को बेहतर बनाया है। पिछली बार 12 विद्यार्थियों ने मेरिट प्राप्त की थी, जबकि इस बार 22 विद्यार्थी मेरिट में आए हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सहित विभिन्न स्किल सब्जेक्ट के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रेरित किया।
प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह ने बताया कि पिछली बार दसवीं में एक ही विद्यार्थी ने 95 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त किए थे, जबकि इस बार 4 विद्यार्थी इस आंकड़े को पार करने में सफल हुए हैं। जबकि 10 विद्यार्थियों ने अलग-अलग  विषयों में 95 से अधिक अंक प्राप्त किए हैं। प्राचार्य डॉ. जलबीर सिंह ने इस उपलब्धि का श्रेय शिक्षकों की लग्न और विद्यार्थियों की मेहनत को दिया। विद्यार्थियों ने भी इस उपलब्धि के लिए अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

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