भारतीयता में ही आत्मीयता है: श्री सुनील शर्मा

गुरु पूर्णिमा के उपलक्ष्य में डीएवी शताब्दी महाविद्यालय में किया गया गुरुओं का सम्मान

फरीदाबाद, 11 जुलाई। डीएवी शताब्दी महाविद्यालय  फरीदाबाद के प्रांगण में भारतीय शिक्षण मंडल के सहयोग से व्यास पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आधुनिक समय में छात्रों में गुरुओं के प्रति सम्मान एवं आदर का भाव विकसित करने के उद्देश्य से गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर महर्षि वेदव्यास के पूजन का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में भारतीय शिक्षण मंडल से अखिल भारतीय संयुक्त महामंत्री श्री सुनील शर्मा जी ने मुख्य वक्ता के रूप में अपने विचार रखे। उन्होंने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से छात्रों को प्राचीन काल में परिलक्षित गुरु एवं शिष्य संबंधों की गरिमा एवं गुरु की महिमा का विस्तार से व्याख्यान किया।
उन्होंने छात्रों को आधुनिकता एवं भौतिकवादिता के युग में किस प्रकार अपने शिक्षकों का सम्मान एवं आदर करना चाहिए इसके बारे में अपना वक्तव्य दिया। उन्होंने प्राचीनकाल काल के महान गुरुओं एवं शिष्यों का उदाहरण देते हुए छात्रों को उनका अनुकरण करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या डॉक्टर सविता भगत ने भारतीय शिक्षण मंडल का धन्यवाद करते हुए गुरु पूर्णिमा की महत्ता का व्याख्यान किया। उन्होंने छात्रों को भौतिकवादी युग में पाश्चात्य संस्कृति के अंधानुकरण से प्रभावित होने की बजाय अपनी भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को अपनाने और उसे सहेज कर रखने की शिक्षा दी।
उन्होंने गुरुवाणी के माध्यम से गुरु शब्द की गहराई से व्याख्या की । अपने अध्यक्षीय उद्बबोधन से उन्होंने सभी शिक्षकों और छात्रों को गुरु शिष्य के पारस्परिक संबंधों की गरिमा बनाए रखने के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर उपस्थित वाईएमसीए यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर अरविंद गुप्ता जी ने भी अपने विचार एवं अनुभव सांझा किये। वाईएमसीए यूनिवर्सिटी से ही प्रोफेसर राजेश जी भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। हिंदी विभाग अध्यक्षा श्रीमती ममता कुमारी ने महर्षि वेदव्यास के जीवन से सभी छात्रों को परिचित कराया। उन्होंने ने कहा कि महर्षि वेदव्यास को प्राचीन ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के तुल्य समझा जाता है। कार्यक्रम के अंत में सभी छात्रों ने शिक्षकों को तिलक लगाकर सम्मानित किया और उनका आशीर्वाद लिया। अंत में सभी के बीच मिष्ठान वितरित किया गया।
व्यास पूजा कार्यक्रम में मंच संचालन कार्यक्रम की संयोजिका डॉक्टर बिंदु रॉय के द्वारा किया गया। कार्यक्रम की सफलता पूर्वक संचालन में महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं श्री ई. एच.अंसारी, मिस्टर नेत्रपाल, श्रीमती ममता कुमारी और श्रीमती रेखा शर्मा का सहयोग रहा। डीएवी शताब्दी महाविद्यालय ने नई शिक्षा नीति में छात्रों को मातृभाषा के साथ साथ, मानव मूल्यों, आध्यात्मिकता , भारतीय संस्कृति,  सभ्यता एवं संस्कारों से जोड़कर रखने की जो बात की गई है, उसको व्यवहारिक रूप से छात्रों को सिखाने और समझाने के लिए व्यास पूजा कार्यक्रम का आयोजन किया जिससे छात्र प्राचीन गुरु शिष्यों के संबंधों की गरिमा को आधुनिकता की आंधी से बचाये रख सके।

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