‘चाय-कॉफी बनाना एक कला और कारोबार’

पलवल। चाय-कॉफी बनाना एक कला है और दुनिया भर में इसका बहुत कारोबार है। पेशेवर तरीके से नाना प्रकार की चाय-कॉफी बना कर एक अच्छा करियर शुरू किया जा सकता है। इसी के दृष्टिगत सोमवार को श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के स्किल डिपार्टमेंट और टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी में चाय और कॉफी पर एक वैल्यू एडिड वर्कशॉप का आयोजन किया गया। शैफ सिद्धार्थ और शैफ सुनील ने बीएचएम के विद्यार्थियों को पेशेवर तरीके से चाय और कॉफी बनाने के गुर सिखाए। हर्बल टी, ग्रीन टी से लेकर अर्जुन की छाल, गुड़हल के फूल और अपराजिता के पुष्प सहित करीब 8 तरह की चाय के गुणों और जायकों के बारे में विद्यार्थियों को बताया गया।
जिसमें उन्हें भिन्न प्रकार की चाय के सेहत पर होने अच्छे प्रभाव के बारे में भी बताया गया। शैफ सिद्धार्थ ने बताया कि यह एक बड़ा कारोबार है। वैल्यू एड करके इससे अच्छा करियर बनाया जा सकता है। विभागाध्यक्ष डॉ. सविता शर्मा ने बताया कि विद्यार्थियों को इस प्रकार की कार्यशाला आई माध्यम से स्किल्ड बनाया जा रहा है। वह होटल इंडस्ट्री में इसके माध्यम से अपना विशेष स्थान बना सकते हैं।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा और अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने शैफ सिद्धार्थ और शैफ सुनील को शील्ड और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया। उन्होंने अलग -अलग फ्लेवर में बनाई गई चाय और कॉफी की जम कर सराहना की।
इस अवसर पर डीन प्रोफेसर ऋषिपाल ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम के समापन पर प्रोफेसर ए के वातल, प्रोफेसर ऊषा बत्रा, प्रोफेसर जॉय कुरियाकोजे, प्रोफेसर डीके गंजू, डॉ. श्रुति, डॉ. प्रियंका गर्ग, डॉ. योगेश, डॉ. नीता सिंह, डॉ. हिमांशु, डॉ. विकास मिश्रा, शैफ सतीश दिलावर और प्रभा के अलावा काफी विद्यार्थी उपस्थित थे।

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