क्या शमिता शेट्टी की एंडोमेट्रिओसिस नामक बीमारी बन सकती है इनफर्टिलिटी का कारण ?: डॉ चंचल शर्मा

प्रसिद्ध बॉलीवुड एक्ट्रेस और योग ट्रेनर शिल्पा शेट्टी की छोटी बहन शमिता शेट्टी ने हाल ही में अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर एक वीडियो पोस्ट की है जिसमे वो हॉस्पिटल में सर्जरी के लिए तैयार देखी गयीं हैं। उन्होंने बताया कि काफी समय से उन्हें एंडोमेट्रिओसिस की शिकायत थी जिसकी वजह से बहुत दर्द झेलना पड़ा। यह खबर सुनते ही फैंस में एंडोमेट्रिओसिस को लेकर जिज्ञासा बढ़ गयी। इस आर्टिकल के जरिये आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और इनफर्टिलिटी विशेषज्ञ डॉ चंचल शर्मा ने बताया है कि एंडोमेट्रिओसिस क्या है ? इसके लक्षण, कारण और जोखिम कारक क्या हैं ? क्या एंडोमेट्रिओसिस के कारण आप हो सकते हैं इनफर्टिलिटी का शिकार ?

लोगों की एंडोमेट्रिओसिस से जुड़ी सभी सवालों का जवाब देते हुए डॉ चंचल शर्मा ने बताया कि एंडोमेट्रिओसिस महिला के जननांग गर्भाशय से सम्बंधित एक बीमारी है जिसमे ऊतकों का विकास गर्भाशय के बाहर बढ़कर फॉलोपियन ट्यूब या ओवरी तक फ़ैल जाता है। इन बढे हुए ऊतकों को यदि समय पर न निकाला जाये तो बहुत दर्दनाक बन जाता है।

इसका आयुर्वेदिक उपचार उपलब्ध है जिसमे किसी प्रकार की सर्जरी की जरुरत नहीं होती है बल्कि डाइट, पंचकर्म थेरेपी, मालिश के जरिए विषाक्त पदार्थ को शरीर के बाहर निकाला जाता है। इसके ट्रीटमेंट के बाद आप naturally conceive भी कर सकती हैं। हमारे यहाँ ऐसे बहुत सारे पेशेंट्स का सफलता पूर्वक आयुर्वेदिक उपचार किया गया है जिसके बाद वो माँ भी बनी हैं। इसलिए ऐसी स्थिति में आप घबराये नहीं बल्कि अपना विश्वास बनाये रखें और अच्छे विशेषज्ञ डॉक्टर से कंसल्ट करें वो टेस्ट करके आपको सही तरीके से गाइड करेंगे।

एंडोमेट्रिओसिस के लक्षण क्या हैं?

महिलाओं में एंडोमेट्रियोसिस का सबसे आम लक्षण पेल्विक दर्द है। इसके साथ ही एंडोमेट्रियल टिशू गांठ के अन्य लक्षणों में शामिल हैं –
दर्दनाक अवधि
पीरियड्स के दौरान पेट के निचले हिस्से में दर्द होना
मासिक धर्म के आसपास ऐंठन
भारी मासिक धर्म रक्तस्राव
पीठ के निचले भाग में दर्द
बांझपन
भारी मासिक स्राव
संभोग के दौरान दर्द
मल या मूत्र में खून आना
थकान
समुद्री बीमारी और उल्टी
एंडोमेट्रियोसिस के लिए आयुर्वेदिक उपचार
घरेलू आयुर्वेदिक एंडोमेट्रियोसिस उपचार या एंडोमेट्रियोसिस के लक्षणों को नियंत्रित करने के लिए निम्नलिखित प्राकृतिक तरीके हैं-
पेट के निचले हिस्से पर गर्म पानी की बोतल या हीटिंग पैड रखें, इससे पेल्विक मांसपेशियों को आराम मिलता है और दर्द कम होता है।
औषधीय हर्बल तेल का उपयोग करके पेल्विक मसाज-मालिश एंडोमेट्रियोसिस से जुड़े मासिक धर्म के दर्द को कम करती है।
हल्दी- इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो एंडोमेट्रियल टिश्यू के विकास को रोकता है।
आहार परिवर्तन- डेयरी उत्पाद, प्रसंस्कृत भोजन, शर्करा, ग्लूटेन आदि का सेवन न करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है क्योंकि ये समस्याग्रस्त खाद्य पदार्थ हैं।
लाल मांस का सेवन कम करने पर विचार करें, इसके बजाय ताजे फल और सब्जियां, साबुत अनाज का सेवन भी समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है।
व्यायाम- तेज और हल्के वर्कआउट से एक विशेष प्रकार का हार्मोन निकलता है जो दर्द को कम करता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन को कम करता है।

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