स्किल फैकल्टी ऑफ एग्रीकल्चर के विद्यार्थी करेंगे शोध, इलाके के किसानों को भी होगा लाभ
श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में हुआ अत्याधुनिक सॉइल एंड वाटर टेस्टिंग लैब का उद्घाटन
![Students of Skill Faculty of Agriculture will do research, farmers of the area will also benefit.](/wp-content/uploads/2024/05/6-5-780x470.jpg)
फरीदाबाद । श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में बुधवार को सॉइल एंड वाटर टेस्टिंग लैब का उद्घाटन हुआ। इस अत्याधुनिक लैब में 15 प्रकार के टेस्ट किए जा सकेंगे। लैब में उच्च गुणवत्ता के उपकरण और मशीनें लगाई गई हैं। आसपास के किसान भी इस लैब का लाभ उठा पाएंगे।
जम्मू विश्वविद्यालय की पूर्व कुलसचिव एवं श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय की कार्यकारिणी परिषद की सदस्य डॉ. मीनाक्षी किल्लम और कुलपति डॉ. राज नेहरू ने लैब का उद्घाटन किया। इस मौके पर डॉ. मीनाक्षी किल्लम ने विद्यार्थियों और किसानों को समर्पित इस लैब के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में स्थापित होने वाली इस तरह की प्रयोगशालाओं का दोहरा लाभ होता है।
कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि हम इस क्षेत्र की आर्थिकी के लिए प्रतिबद्ध हैं। विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को शोध एवं अकादमिक संसाधन उपलब्ध करवाने के साथ साथ इसके सामाजिक उद्देश्यों पर भी ध्यान केंद्रित करता है। कुलपति डॉ. राज नेहरू ने कहा कि आसपास के क्षेत्र के किसानों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। इनके माध्यम से उन्हें कृषि से जुड़े अनुसंधान एवं तकनीक से अवगत करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि लैब में कई आयातित जर्मन तकनीक की मशीनें स्थापित की गई हैं। इनके माध्यम से किसानों की मिट्टी, पानी, पोषक तत्वों और पौधों के साथ -साथ कीटों एयर बीमारियों की भी जांच की जा सकेगी। इस लैब को समर्पित करते हुए कुलपति डॉ. राज नेहरू ने विद्यार्थियों को अनुसंधान के लिए प्रेरित किया।
कुलसचिव प्रोफेसर ज्योति राणा ने आधुनिक तकनीक से सुसज्जित इस लैब का अवलोकन किया और इसके लिए स्किल फैकल्टी ऑफ एग्रीकल्चर के अधिष्ठाता प्रोफेसर जॉय कुरियाकोज़ को बधाई दी। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि इससे विद्यार्थियों को शोध और प्रैक्टिकल करने में सहायता मिलेगी। अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ और डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह ने लैब की स्थापना के लिए सराहना की।
प्रोफेसर जॉय कुरियाकोज ने बताया कि लैब के माध्यम रिसर्च को बढ़ावा दिया जाएगा।
सहायक प्रोफेसर डॉ. हरीश ने लैब का पूरा विवरण अतिथियों को प्रदान किया। उन्होंने बताया कि इस लैब में कृषि से जुड़ी समस्याओं पर शोध होगा। डॉ. हरीश ने बताया कि फसलों में आने वाली बीमारियों का पता लगाने से लेकर पोषक तत्वों का अध्ययन करने में यह लैब काफी सार्थक सिद्ध होगी।
इस अवसर पर डॉ. तेजेंद्र सिंह, डॉ. स्मिता श्रीवास्तव, डॉ. गीता, हेमंत त्रिपाठी, चंद्रशेखर, पुष्पेंद्र और ब्रह्मजीत के अलावा काफी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे।